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अक्टूबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
डिजीटल जमाने में सोशल मीडिया से पैदा हो रहा है नेता आज एक पोस्ट पर आये कामेंट को पढ़ रहा था। पढ़कर आत्मचिंतन करने की जरूरत महसुस हो रही है। आत्मचिंतन इस बात के लिए कि आजादी के बाद राजनीति की शुरूआत कैसे हुई, देश के नेताओं की उत्पत्ति कैसे हुई?? वैसे मैं इस मुद्दे पर पहले भी लिख चुका हूँ पर उस वक्त और आज में एक और कड़ी जुड़ गया है नेताओं की उत्पत्ति का। तो शुरू करते हैं आजादी से। देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी गई। उस लड़ाई में कई शहीद हुए और जो बचे वो राजनीति शुरू किये... देश की आजादी में उनका योगदान रहा हो या न रहा हो, साल छह महीने ही क्यों न रहा हो.... ये सभी सत्ता पर काबिज हुए। वक्त बढता गया और देश के राजनीतिज्ञों को लगने लगा कि दबंगों की सहायता ली जाए चुनावों में.... इसलिए नेताओं ने दबंगों और अपराधियों का सहयोग लेने लगा मतदाताओं को एक पक्ष में वोट देने के लिए, नेता को जीताने को लेकर बुथ कब्जा करने के लिए। बदलते वक्त में दबंगों और अपराधियों को लगा कि जब मेरे डर से नेता को वोट देकर जीताया जा सकता है तो क्यों न खुद ही चुनाव लड़ने की सोची। चुनाव के लिए रूपयों की जरूरत ...