आज जो मैं लिखने जा रहा हूँ वो बिलकुल सच्ची घटना पर आधारित है। मेरे पास अलग अलग लोग अपनी समस्या को लेकर आते हैं। उन समस्याओं को जानने के बाद अनायास मन एक सवाल उठता है कि क्या ऐसा भी होता है??
कभी कभी हम नूतन कहानियाँ जैसी पत्रिकाओं में पढ़ते थे तो सोचता था कि ये किताब वाले कहानी गढकर लिख देते हैं। पर जब वास्तविक जीवन में उन घटनाओं से दो चार होना पडता है तब लगता है वो पत्रिकाएँ सही थी।
प्यार करना गुनाह नहीं है पर हमारे भारतीय संस्कृति और समाज को ध्यान में रखते हुए ही ठीक लगता है। बदलते समय में कोई भी युवा पीढ़ी इससे अछुता नहीं है। आज की क्या... बीस तीस साल पहले भी इससे कोई अछुता नहीं रहा है।
अन्तर बस इतना ही है कि पहले सार्वजनिक नहीं होता था और वक्त के हिसाब से चलते थे। कोई अपने प्यार को अंजाम दे देते थे तो कोई लोकलाज और पारिवारिक सम्मान के चलते अपने प्यार की कुर्बानी दे देते थे।
मगर आज ऐसा नहीं है। आज प्यार में गोपनियता लगभग खत्म सी होती जा रही है।
अब सवाल ये है कि जिनके प्यार परवान नहीं चढ़े और उनकी सादी कहीं अन्यत्र हो जाती है तो क्या हम वर्तमान से समझौता करें या अपने प्यार के नाम पर सुखमय दाम्पत्य जीवन को बर्बाद करें....????
दिल्ली से एक मित्र ने फोन कर बोला कि एक महिला की समस्या है, आप थोड़ी मदद कर दें। मैने उस महिला को फोन किया और पुरे मामले को जाना। जानकर एकबार फिर से हम सोचने को मजबूर हो गये कि आखिर हमारे समाज में ये हो क्या रहा है। हाल के दिनों में इसी तरह की एक और मामला आई थी। बहुत कोशिश की कि मामले को सुलझा दें। क्योंकि जैसा मैने फोटो लगाया है और उस पर लिखा है #विवाह_इश्क_और_धोखा। ऐसे मामलों में हकीकत यही है कि ज्यादातर गलतफहमियों के वजह से भी पति पत्नी के वैवाहिक जीवन में टकराव पैदा हो जाता है और कुछ मामले सही भी होते हैं। कहीं पत्नी अपने पुराने प्यार से दूर नहीं हो पाती है तो कहीं पति अपने प्यार को नहीं भूल पाता है। ऐसी परिस्थिति में जाहिर सी बात है कि पति पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है और यहाँ तक कि दोनों एक दुसरे से दूरी भी बना लेते हैं। मैं बता रहा था उस महिला कि जो मेरे दोस्त ने मदद करने के लिए बोला था। उस महिला का कहना था कि उसके पति का आरोप है कि वो किसी #वो से जुड़ी हुई है और इस वजह से उसे पति अपने से अलग कर दिया है जबकि वो महिला शायद दो बच्चे की माँ भी है। अब महिला अपने अधिकार के लिए दिल्ली से पटना तक दौर रही है। अब इस मामले में आखिर सच क्या है। महिला का सच में किसी के साथ अफेयर चल रहा है या उसका पति गलतफहमी का शिकार हो गया है। या वो महिला दो नावों की सवारी कर रही है...??
कुछ इसी तरह के मामले कुछ महिने पहले भी आई थी। जिसमें मैने हस्ताक्षेप भी किया दोनों को मिलाने की। हो सकता है यहाँ भी गलतफहमी ने दोनों को अलग किया हो। मगर बाद में पता चला कि महिला अपने किसी पुराने प्यार से दूर नहीं हो पायी थी और अपने पति से बहाने कर के अक्सर वो महिला अपने प्यार से मिलने और वक्त गुजारने चली जाया करती थी। मगर कहा गया है न कोई अच्छा काम भी गलत तरीके से करते हैं तो वो छिपता नहीं है। अच्छा काम से मेरा मतलब था प्यार करना और गलत तरीके से मतलब था सादी के बाद पति को छोड़कर अपने प्यार के लिए परेशान रहना।
प्यार करना गुनाह नहीं है पर सादी के बाद पुराने प्यार के लिए परेशान रहना गुनाह है।
अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो सादी से पहले ही अपने परिवार को जानकारी देकर अपने प्यार से ही सादी कर लिजिये। पारिवारिक दबाब में सादी करने के बाद अगर आपका ध्यान पुराने प्रेमी पर केन्द्रित होता है तो निश्चित है कि दो जिंदगी ही नहीं, दो परिवार भी तबाह हो जाता है, समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा भी दागदार हो जाता है। अगर आपका प्रेमी या प्रेमिका आपके शादी के बाद भी आपके इंतजार में विवाह नहीं करता है तो कुछ हद तक ठीक है और आप अपने पति या पत्नी से अलग जाकर अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ जिंदगी गुजार सकते हैं। अगर आपका प्रेमी या प्रेमिका भी शादी कर लेता है उसके बाद भी आपकी चाहत खत्म नहीं होती है और वैवाहिक जीवन में बगावत कर पुराने प्यार के पास जाते हैं तो निश्चित ही आप प्यार नहीं खिलवाड़ कर रहे हैं। क्योंकि आपके ऐसी सोच से कई जिंदगियां बर्बाद हो सकती है और फिर आप कहीं के भी नहीं रह सकते हैं।
इसलिए प्यार किजिये पर भारतीय संस्कृति को देखते हुए वक्त के साथ समझौता किजिये और अपने प्यार को वैवाहिक जीवन में घोलकर जीवन को सुखमय बनाईये। जरूरी नहीं है कि आप जिससे प्यार करें वो आपको मिल ही जाए। बहुत खुशनसीब होते हैं जिनको उनका प्यार जिंदगी बनकर मिल जाता है। बहुत गिने चुने लोग होते हैं ऐसे। तो क्या जिनको नहीं मिल पाता है वो अपना वर्तमान और भविष्य दोनों बर्बाद कर लेता है...??? ऐसा होता तो आज हमारे समाज से विवाह जैसे पवित्र बंधन खत्म हो चुके रहते। कोई विवाह नहीं करता इस डर से कि पता नहीं किसका किसके साथ इश्क चल रहा है। वैवाहिक रिश्ते टुटने के भय से कोई सादी नहीं करता।
कभी कभी हम नूतन कहानियाँ जैसी पत्रिकाओं में पढ़ते थे तो सोचता था कि ये किताब वाले कहानी गढकर लिख देते हैं। पर जब वास्तविक जीवन में उन घटनाओं से दो चार होना पडता है तब लगता है वो पत्रिकाएँ सही थी।
प्यार करना गुनाह नहीं है पर हमारे भारतीय संस्कृति और समाज को ध्यान में रखते हुए ही ठीक लगता है। बदलते समय में कोई भी युवा पीढ़ी इससे अछुता नहीं है। आज की क्या... बीस तीस साल पहले भी इससे कोई अछुता नहीं रहा है।
अन्तर बस इतना ही है कि पहले सार्वजनिक नहीं होता था और वक्त के हिसाब से चलते थे। कोई अपने प्यार को अंजाम दे देते थे तो कोई लोकलाज और पारिवारिक सम्मान के चलते अपने प्यार की कुर्बानी दे देते थे।
मगर आज ऐसा नहीं है। आज प्यार में गोपनियता लगभग खत्म सी होती जा रही है।
अब सवाल ये है कि जिनके प्यार परवान नहीं चढ़े और उनकी सादी कहीं अन्यत्र हो जाती है तो क्या हम वर्तमान से समझौता करें या अपने प्यार के नाम पर सुखमय दाम्पत्य जीवन को बर्बाद करें....????
दिल्ली से एक मित्र ने फोन कर बोला कि एक महिला की समस्या है, आप थोड़ी मदद कर दें। मैने उस महिला को फोन किया और पुरे मामले को जाना। जानकर एकबार फिर से हम सोचने को मजबूर हो गये कि आखिर हमारे समाज में ये हो क्या रहा है। हाल के दिनों में इसी तरह की एक और मामला आई थी। बहुत कोशिश की कि मामले को सुलझा दें। क्योंकि जैसा मैने फोटो लगाया है और उस पर लिखा है #विवाह_इश्क_और_धोखा। ऐसे मामलों में हकीकत यही है कि ज्यादातर गलतफहमियों के वजह से भी पति पत्नी के वैवाहिक जीवन में टकराव पैदा हो जाता है और कुछ मामले सही भी होते हैं। कहीं पत्नी अपने पुराने प्यार से दूर नहीं हो पाती है तो कहीं पति अपने प्यार को नहीं भूल पाता है। ऐसी परिस्थिति में जाहिर सी बात है कि पति पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है और यहाँ तक कि दोनों एक दुसरे से दूरी भी बना लेते हैं। मैं बता रहा था उस महिला कि जो मेरे दोस्त ने मदद करने के लिए बोला था। उस महिला का कहना था कि उसके पति का आरोप है कि वो किसी #वो से जुड़ी हुई है और इस वजह से उसे पति अपने से अलग कर दिया है जबकि वो महिला शायद दो बच्चे की माँ भी है। अब महिला अपने अधिकार के लिए दिल्ली से पटना तक दौर रही है। अब इस मामले में आखिर सच क्या है। महिला का सच में किसी के साथ अफेयर चल रहा है या उसका पति गलतफहमी का शिकार हो गया है। या वो महिला दो नावों की सवारी कर रही है...??
कुछ इसी तरह के मामले कुछ महिने पहले भी आई थी। जिसमें मैने हस्ताक्षेप भी किया दोनों को मिलाने की। हो सकता है यहाँ भी गलतफहमी ने दोनों को अलग किया हो। मगर बाद में पता चला कि महिला अपने किसी पुराने प्यार से दूर नहीं हो पायी थी और अपने पति से बहाने कर के अक्सर वो महिला अपने प्यार से मिलने और वक्त गुजारने चली जाया करती थी। मगर कहा गया है न कोई अच्छा काम भी गलत तरीके से करते हैं तो वो छिपता नहीं है। अच्छा काम से मेरा मतलब था प्यार करना और गलत तरीके से मतलब था सादी के बाद पति को छोड़कर अपने प्यार के लिए परेशान रहना।
प्यार करना गुनाह नहीं है पर सादी के बाद पुराने प्यार के लिए परेशान रहना गुनाह है।
अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो सादी से पहले ही अपने परिवार को जानकारी देकर अपने प्यार से ही सादी कर लिजिये। पारिवारिक दबाब में सादी करने के बाद अगर आपका ध्यान पुराने प्रेमी पर केन्द्रित होता है तो निश्चित है कि दो जिंदगी ही नहीं, दो परिवार भी तबाह हो जाता है, समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा भी दागदार हो जाता है। अगर आपका प्रेमी या प्रेमिका आपके शादी के बाद भी आपके इंतजार में विवाह नहीं करता है तो कुछ हद तक ठीक है और आप अपने पति या पत्नी से अलग जाकर अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ जिंदगी गुजार सकते हैं। अगर आपका प्रेमी या प्रेमिका भी शादी कर लेता है उसके बाद भी आपकी चाहत खत्म नहीं होती है और वैवाहिक जीवन में बगावत कर पुराने प्यार के पास जाते हैं तो निश्चित ही आप प्यार नहीं खिलवाड़ कर रहे हैं। क्योंकि आपके ऐसी सोच से कई जिंदगियां बर्बाद हो सकती है और फिर आप कहीं के भी नहीं रह सकते हैं।
इसलिए प्यार किजिये पर भारतीय संस्कृति को देखते हुए वक्त के साथ समझौता किजिये और अपने प्यार को वैवाहिक जीवन में घोलकर जीवन को सुखमय बनाईये। जरूरी नहीं है कि आप जिससे प्यार करें वो आपको मिल ही जाए। बहुत खुशनसीब होते हैं जिनको उनका प्यार जिंदगी बनकर मिल जाता है। बहुत गिने चुने लोग होते हैं ऐसे। तो क्या जिनको नहीं मिल पाता है वो अपना वर्तमान और भविष्य दोनों बर्बाद कर लेता है...??? ऐसा होता तो आज हमारे समाज से विवाह जैसे पवित्र बंधन खत्म हो चुके रहते। कोई विवाह नहीं करता इस डर से कि पता नहीं किसका किसके साथ इश्क चल रहा है। वैवाहिक रिश्ते टुटने के भय से कोई सादी नहीं करता।
हर प्यार करने वाले को समझौता करना सिखना चाहिए। किसी भी रिश्ते को आजीवन सुखमय चलाने के लिए समझौता करना ही पड़ता है। सादी से पहले की जिंदगी को सादी के बाद की जिंदगी में शामिल करना अपने रिश्तों में जहर घोलने के समान है।

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