हिन्दु राष्ट्र निर्माण में कांग्रेस सबसे बड़ी बाधा

 बस ऐसे ही मुजरा करते रहो मेरे चमचों... मेरे खानदान ने जो 55 सालों में संविधान में व्यवस्था कर रखी है न.... बस गॉड की कृपा हुई तो पुरे देश पर फिर से मुगल राज स्थापित कर दुँगा.... बस तुम चमचे मेरे खानदान का कुत्ता बनकर मेरा मूत्रपान करते रहो और मेरा साथ देते रहो। तुमको पता है चमचों... मेरी ही दादी ने तो संविधान में संसोधन कर प्रस्तावना के मूल में सर्वधर्म, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य, जैसे शब्दों को जोडकर देश के हिन्दुओं को कुचलने की नींव रखा था। तुम हिन्दु चमचों को आपस में लड़ाने के लिए ही तो जातिय आरक्षण, एससी एसटी कानुन बनाया गया था ताकि तुमको मूर्गे की तरह लड़ाकर मजा लेते रहें। मेरी दादी ने ही तो मुसलमानों को खुश करने व भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए संविधान में बदलाव कर अल्पसंख्यक का दर्जा दिया था ताकि हिन्दुओं के हिस्से को भी अल्पसंख्यक बताकर मुसलमानों को दे दिया जाए। ऐसा नहीं करते तो मुसलमान तेजी से शक्तिशाली कैसे होता।  

अरे चमचों... दक्षिण के नौ राज्यों में तो मेरे खानदान ने पहले से ही हिन्दुओं को खत्म कर हिन्दु विहीन बना दिया, कश्मीर को भी बनाया, बंगाल में भी मेरी ही साजिश है। पहले हर बॉर्डर वाले राज्यों को हिन्दु विहीन बनाऊंगा ताकि बाहरी मुसलमानों को आसानी से भारत में ला सकुँ और उसके बाद चारो ओर से घेर कर बाकी बच्चे दो मुट्ठी हिन्दुओं को या तो भागने पर मजबुर कर दुँगा, धर्म परिवर्तन करा दुँगा और जो बचेगा, उसको खत्म कर दुँगा।  

तुम चमचे तो ठहरे मूर्ख हिन्दु.... तुम जैसे ने ही तो पहले भी मुगलों को सत्ता देकर मुसलमान बने थे। फिर अंग्रेजों का दलाल बने और अब मेरे खानदान के नौकर बने हुए हो।  

आओ मेरे खानदानी लोभी लालची और मक्कार नौकरों.... तुम ऐसे ही हिन्दुओं को खत्म करने में मेरी मदद करते रहो.... मैं तुम्हें रोज अपना तलवा चाटने को देता रहुँगा.... तुम चमचों को वैसे भी इससे ज्यादा की औकात तो है नहीं.... तुम तो इतने के लिए ही तो मेरे खानदान के आगे अपना दूम हिलाते चलते हो...!


आओ.... हम सब मिलकर भारत को पूर्ण इस्लामिक राष्ट्र बनायें.... गॉड और अल्लाह के खिदमत में ये खुबसुरत नजराना पेश करें.....


बोलो चमचों..... आमीन...!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हिन्दू धर्म के पतन के कारण और निवारण :- ध्यान से पढ़ें, समझें और जीवन में उतारें |

श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहते है ?