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भारतीय न्यायिक प्रक्रिया के गुनाहगार कौन जनता, पंचायत, थाना या नीचली अदालत से लेकर उपरी अदालत...?? आज  

बालीवुड और टीवी सीरियल के नजरिए में हिन्दू

बालीवुड और टीवी सीरियल के नजरिए में हिन्दू  ****************************************** बालीवुड और टीवी सीरियल के नजरिए से हिन्दू को कैसे देखा जाता है एक झलक:---- ब्राह्मण - ढोंगी पंडित, लुटेरा, राजपूत - अक्खड़, मुच्छड़, क्रूर, बलात्कारी वैश्य या साहूकार - लोभी, कंजूस, गरीब हिन्दू दलित - कुछ पैसो या शराब की लालच में बेटी को बेच देने वाला चाचा या झूठी गवाही देने वाला सिक्ख- जोकर आदि बनाकर मजाक उड़ाना जाट खाप पंचायत का अड़ियल बेटी और बेटे के प्यार का विरोध करने वाला और महिलाओ पर अत्याचार करने वाला जबकि दूसरी तरफ वही दूसरी और मुस्लिम - अल्लाह का नेक बन्दा, नमाजी, साहसी, वचनबद्ध, हीरो-हीरोइन की मदद करने वाला टिपिकल रहीम चाचा या पठान। ईसाई - जीसस जैसा प्रेम, अपनत्व, हर बात पर क्रॉस बना कर प्रार्थना करते रहना। ये बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर्फ हमारे धर्म, समाज और संस्कृति पर घात करने का सुनियोजित षड्यंत्र है और वह भी हमारे ही धन से । हम हिन्दू और सिक्ख अव्वल दर्जे के CARTOON बन चुके हैं। क्योकि ये कभी वीर हिन्दू पुत्रों महाराणा प्रताप ,गुरु गोविन्द सिंह गुरु तेग ब...

फिल्म जेहाद

फिल्म जेहाद *********** सलीम - जावेद की जोड़ी की लिखी हुई फिल्मो को देखे, तो उसमे आपको अक्सर बहुत ही चालाकी से हिन्दू धर्म का मजाक तथा मुस्लिम / इसाई / साईं बाबा को महान दिखाया जाता मिलेगा. इनकी लगभग हर फिल्म में एक महान मुस्लिम चरित्र अवश्य होता है और हिन्दू मंदिर का मजाक तथा संत के रूप में पाखंडी ठग देखने को मिलते है. फिल्म "शोले" में धर्मेन्द्र भगवान् शिव की आड़ लेकर "हेमामालिनी" को प्रेमजाल में फंसाना चाहता है जो यह साबित करता है कि - मंदिर में लोग लडकियां छेड़ने जाते है. इसी फिल्म में ए. के. हंगल इतना पक्का नमाजी है कि - बेटे की लाश को छोड़कर, यह कहकर नमाज पढने चल देता है.कि- उसे और बेटे क्यों नहीं दिए कुर्बान होने के लिए. "दीवार" का अमिताभ बच्चन नास्तिक है और वो भगवान् का प्रसाद तक नहीं खाना चाहता है, लेकिन 786 लिखे हुए बिल्ले को हमेशा अपनी जेब में रखता है और वो बिल्ला भी बार बार अमिताभ बच्चन की जान बचाता है. "जंजीर" में भी अमिताभ नास्तिक है और जया भगवान से नाराज होकर गाना गाती है लेकिन शेरखान एक सच्चा इंसान है. फिल्म 'शान" में अ...

सात दशक बाद करवट ले रही भारतीय राजनीति

सात दशक बाद करवट ले रही भारतीय राजनीति  एक कहावत है कि कश्तुरी की सुगंध में मादक होकर हिरण तलाश में इधर उधर भटकता है जबकि वो  कश्तुरी उसके अन्दर है पर उसे पता नहीं। कुछ ऐसा ही हाल है हिन्दुस्तान के हिन्दुओं का। देश के हिन्दुओं की संख्या और समृद्धि इतना है कि वो जैसा चाहे वैसी सरकार बना सकता है, जैसा चाहे वैसी व्यवस्था ला सकता है। ये अलग बात है कि चंद राजनैतिक दलों ने देश के आजादी के समय से ही अल्पसंख्यक की राजनीति कर मुसलमानों को ज्यादा महत्व ही नहीं दिया बल्कि ज्यादा लाभ देने के लिए संविधान में संशोधन भी किया। एक तरफ देश को धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश घोषित किया तो दुसरी ओर एक सामुदाय विशेष के लिए लगातार काम करता रहा और लाभ देता रहा। दुसरी तरफ बहुसंख्यक हिन्दुओं के बीच जातिवाद, दलित, पिछड़ा, छुआछूत जैसी बातें कर लगातार हिन्दुओं को तोड़ने की कोशिश जारी रहा। बहुसंख्यक हिन्दू भी जातिय और अमीर गरीब का भेदभाव करता रहा। नतीजा हुआ कि हिन्दु बिखड़ता चला गया और अल्पसंख्यक एकजुट होता गया। अल्पसंख्यकों के इसी एकता ने बिखड़े हिन्दुओं को हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया। आज हालत ये है...

श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहते है ?

श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहते है ? नरेन्द्र मोदी हैं श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहते है ?  आज का राम..... 14 वर्ष के वनवास पर निकले श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता, को "विश्वामित्र" प्रश्न पूछते है कि राजा दशरथ, अपनी 'विशाल सेना' देने को तैयार थे, परन्तु आपने उनमें से एक भी सैनिक लेने से मना कर दिया। न ही आपने रास्ते के लिए धन आभूषण लिए, न ही सेवा के लिए दास दासियाँ ली सिर्फ धनुष और तीर लेकर निकल पड़े!! फिर हम असुरों से युद्ध कैसे जीतेंगे?? उनका संहार कैसे करेंगे?? इस पर "श्री राम" का सुन्दर सा उत्तर होता है कि मैं 14 वर्ष तक जहाँ भी जाऊंगा अपनी जनसेना बनाऊंगा। राजा दशरथ, की सेना दुसरे प्रकार की है और हम दुसरे प्रकार की सेना बनायेंगे। राजा दशरथ की सेना में जितने भी सैनिक हैं, वो वेतन पर काम करते हैं। इसलिए उनकी स्वामी भक्ति या देशभक्ति उनके 'वेतन' से जुडी हुई है! जब तक इनको समय पर वेतन मिलता रहेगा इनके मन में स्वामीभक्ति रहेगी! जिस दिन इनको वेतन मिलना बंद हुआ ये  छिन्न भिन्न हो जायेंगे!! इसलिए इस सेना में दम नहीं है! ...

अरबपति होता हिन्दू नेता मंत्री और कंगाल होता हिन्दूत्व

अरबपति होता हिन्दू नेता मंत्री और कंगाल होता हिन्दूत्व मुस्लिम नेता मंत्री और बड़े बड़े मौलाना व इमाम अपनी कमाई का एक हिस्सा मुस्लिमों, मस्जिदों को फंडिंग करता है ताकि उसका कौम मजबूत और समृद्ध हो। मदरसे को फंडिंग करता है ताकि मुस्लिम समाज और उसके बच्चे अपनी तहजीब के साथ साथ अपने कौम के बारे में जान सके, वहीं भाजपा या अन्य हिन्दू नेता मंत्री और बड़े बड़े मठ मंदिरों के धर्मगुरू सिर्फ अपना, अपने परिवार के लिए ज्यादा से ज्यादा धन जमा करता है। एक भिखाड़ी टाइप का चिरकुट हिन्दू नेता अगर विधायक सांसद या मंत्री हो जाता है तो मात्र दो बार में ही अरबपति हो जाता है। ये कभी भी एक पैसा किसी हिन्दू संगठन या मठ मंदिरों को फंडिंग नहीं करता है।ककभी जनता का दबाब भी पड़ता है तो टका सा जबाब दे दिया जाता है कि सरकार मठ मंदिरों के लिए फंड नहीं देती है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब सरकार मठ मंदिरों के लिए फंड नहीं देता है तो मस्जिदों, खानकाहों या इमामवाड़ों के लिए भी फंड नहीं देता है तो फिर मठ मंदिर खंडहर और मस्जिद आलिशान कैसे हो जाता है....?? दरअसल बात ये है कि मुस्लिम नेता मंत्री या इमाम किसी भी पद पर र...

हिन्दुस्तान के हिन्दुओं के लिए कोई नहीं है कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण कर शासन किया भाजपा हिन्दू तुष्टिकरण कर शासन कर रहा है कांग्रेस ने तुष्टिकरण कर मुसलमानों को तो हर कदम लाभ दिया पर भाजपा तो मरते हिन्दुओं और हिन्दु आस्थाओं के साथ हो रहे खिलवाड़ पर बोलना भी उचित नहीं समझता है, इससे कार्रवाई और मंदिर निर्माण की उम्मीद करना ही मूर्खता है।

हिन्दुस्तान के हिन्दुओं के लिए कोई नहीं है कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण कर शासन किया भाजपा हिन्दू तुष्टिकरण कर शासन कर रहा है कांग्रेस ने तुष्टिकरण कर मुसलमानों को तो हर कदम लाभ दिया पर भाजपा तो मरते हिन्दुओं और हिन्दु आस्थाओं के साथ हो रहे खिलवाड़ पर बोलना भी उचित नहीं समझता है, इससे कार्रवाई और मंदिर निर्माण की उम्मीद करना ही मूर्खता है।  कान खोलकर सुन लो हिन्दुओं के कथित ठेकेदारों.... हम हिन्दू मुसलमानों की तरह कट्टर नहीं है जो तुमको ही वोट देकर सत्ता देते रहें। तुम भिखाड़ी से अरबपति बन जाओ राम मंदिर के नाम पर और हम हिन्दु धर्म के नाम पर तुमको ही वोट करते रहें। हम हिन्दू कोई कटुआ नहीं हैं जो भले ही पंचर बनाना पड़े, सब्जी बेचना पड़े या भीख मांगना पड़े.... अपने कौम के ठेकेदारों के लिए ही मरेगा। हम ये नहीं कहते कि मात्र तीन साल में राम मंदिर बना दो। बंगाल, केरल और कश्मीरी हिन्दुओ पर हो रहे अत्याचार पर तो दखल देकर उनको बचा तो सकते हो। हिन्दुओं के त्योहारों पर लगने वाले पावंदियों को रोक तो सकते हो। बंगाल में हिन्दू मरते रहे, बेघर होते रहे और 56 इंच समेत सारे हिन्दू ठेक...

शर्म आती है पटना विश्वविद्यालय के कथित छात्र नेताओं पर, जिसने विश्वविद्यालय के गरीमामयी इतिहास को गंदा कर रखा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा न देकर एक प्रतियोगिता के तहत देश के टॉप 20 में आने का जो मार्गदर्शन कर के गये उस पर वही लोग अपना गला फाड़ रहे हैं जो लाखों लेकर डिग्रियां बेचते हैं और जिनको हर चीज हराम में खाने की आदत है। है हिम्मत तो पटना विश्वविद्यालय ही नहीं पुरे बिहार को ऐसा बनाकर दिखाओ कि पटना विश्वविद्यालय भारत के टॉप 20 ही नहीं, बल्कि दुनिया के 500 विश्वविद्यालयों के समुह में शामिल हो जाए। जिस विश्वविद्यालय में चिरकुटिये छात्र नेताओं द्वारा आये दिन धरना प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी कर के पढ़ाई को बंद कराया जाता हो, शिक्षकों के साथ मारपीट किया जाता हो उस विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय क्या बिहार के टॉप विश्वविद्यालय भी बोलने में शर्म आती है।

हिन्दू धर्म के पतन के कारण और निवारण :- ध्यान से पढ़ें, समझें और जीवन में उतारें |

हिन्दू धर्म के पतन के कारण और निवारण  ध्यान से पढ़ें, समझें और जीवन में उतारें | क्योंकि जो गलती को ठीक करले उसे ही मनुष्य कहते हैं | हिन्दुओं के सभी प्रमुख गुणों को मुसलमान, ईसाई और बौद्धों ने अपनाया और संसार में छा गए और हिन्दू इन्हें त्याग कर बर्बाद होने की कगार पर हैं | 1) हम यज्ञोपवीत, उपनयन या जनेऊ करवा कर सात से ग्यारह वर्ष के बच्चों को गुरुकुल भेजते थे. . अब बंद है | दूसरी तरफ मुसलमान और ईसाई नियम से मदरसा व् मिशन स्कूल में पहले धर्म की शिक्षा देते हैं | मदरसे, मिशनरी स्कूल हजारों लाखों की संख्या में खुल गए | हिन्दूओं के बच्चे भी उसी में शौक से जा रहे हैं और सेकुलरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है | 2) प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी के लिए अनिवार्य गायत्री महामंत्र की त्रिकाल संध्या (सुबह, दोपहर, शाम तीनों समय जप-ध्यान) समाप्त | दूसरी तरफ उनकी पाँच वक्त की नमाज और रोज की प्रेयर शुरू | 3) सप्ताह में कम से कम एक दिन, पूजा, सत्संग, संगठन के लिए मंदिर जाना बंद | दूसरी तरफ उनका जुमे के दिन नमाज मस्जिद में, और Sunday prayer चर्च में शुरू | 4) साधू-संत-गुरु जनों का ...

भारत में बिखरा हिन्दू और हिन्दुत्व के प्रति भाजपा की उदासीनता

तत्काल पटाखे के बिक्री पर से प्रतिबंध हटाने और 2019 चुनाव से पहले अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण की घोषणा अगर भाजपा नहीं करती है तो जनता इनको सबक जरूर सिखायेगी। और सारे हिन्दू भी इस भाजपा की सरकार का विरोध करे। हम हिन्दू सिर्फ हिन्दुत्व के नाम पर भाजपा का वोट बैंक नहीं बनेगें। जब हिन्दुवादी सरकार के होते हुए हिन्दू पर्व त्योहारों पर प्रतिबंध और रोक लगता ही रहेगा। गोधरा कांड के दोषियों को फांसी से बचाया जाता ही रहेगा तो ऐसी हिन्दुवादी सरकार रहे या न रहे.... कोई फर्क नहीं पड़ता है।

कुरितियों से निर्मित मानव

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हम आज ये बात कहते नहीं थकते हैं कि आज इंसान बहुत तरक्की कर गया है। घर घर शिक्षित हो गये हैं। पहले की अपेक्षा आज इंसान समझदार ही नहीं अति विकासशील भी हो गया है। बड़े बड़े विश्वविद्यालयों में महंगी महंगी किताबें पढ़कर कहने को तो उच्च शिक्षित हो गया। बड़े बड़ पदों पर आसीन हो गया पर हकीकत ये है कि जितनी बार बड़े और बड़ी जैसे शब्द जुड़ते गये इंसान उससे दुगुनी रफ्तार से गिरता चला गया। हमारे समाज में वर्षों से कुरितियाँ, अंधविश्वास, पाखंड चलता आ रहा है। अन्तर बस इतना है कि पहले लोग अनपढ़ हुआ करते थे, आज उच्च शिक्षित हो गये हैं। मगर समाज में फैली गंदगी हजारों सालों से सीना तानकर उच्च शिक्षित और विकसित इंसानों पर अट्टाहस कर मजाक उड़ा रहा है। कल उँच नीच छुआ छूत जातिप्रथा बालविवाह जैसे कुरितियों से आकंठ डुबे हुए थे और आज दहेजप्रथा, राजनैतिक लाभ के लिए आरक्षण जैसे कुरितियों में डुबे हुए हैं। एक तरफ जहाँ समाज में अपने को श्रेष्ठ और उँचा होने का दिखावा व आवंडर दिखाने के लिए दहेज के नाम पर एक इंसान दुसरे इंसान का खून पीता है तो दूसरी ओर आरक्षण के नाम पर काबिलियत को कुचल कर नाकाबिलों को आगे बढ़ाने क...