अरबपति होता हिन्दू नेता मंत्री और कंगाल होता हिन्दूत्व

अरबपति होता हिन्दू नेता मंत्री और कंगाल होता हिन्दूत्व
मुस्लिम नेता मंत्री और बड़े बड़े मौलाना व इमाम अपनी कमाई का एक हिस्सा मुस्लिमों, मस्जिदों को फंडिंग करता है ताकि उसका कौम मजबूत और समृद्ध हो। मदरसे को फंडिंग करता है ताकि मुस्लिम समाज और उसके बच्चे अपनी तहजीब के साथ साथ अपने कौम के बारे में जान सके, वहीं भाजपा या अन्य हिन्दू नेता मंत्री और बड़े बड़े मठ मंदिरों के धर्मगुरू सिर्फ अपना, अपने परिवार के लिए ज्यादा से ज्यादा धन जमा करता है। एक भिखाड़ी टाइप का चिरकुट हिन्दू नेता अगर विधायक सांसद या मंत्री हो जाता है तो मात्र दो बार में ही अरबपति हो जाता है। ये कभी भी एक पैसा किसी हिन्दू संगठन या मठ मंदिरों को फंडिंग नहीं करता है।ककभी जनता का दबाब भी पड़ता है तो टका सा जबाब दे दिया जाता है कि सरकार मठ मंदिरों के लिए फंड नहीं देती है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब सरकार मठ मंदिरों के लिए फंड नहीं देता है तो मस्जिदों, खानकाहों या इमामवाड़ों के लिए भी फंड नहीं देता है तो फिर मठ मंदिर खंडहर और मस्जिद आलिशान कैसे हो जाता है....??
दरअसल बात ये है कि मुस्लिम नेता मंत्री या इमाम किसी भी पद पर रहते हुए वो सबसे पहले इस्लाम को मानने वाला एक मुसलमान होता है और अपने कौम के हर वक्त समर्पित रहता है। अपने कौम की तरक्की, मुस्लिम संगठन की मजबुती के लिए किसी सरकारी फंड का इंतजार नहीं करता है, वो अपने आय का एक हिस्सा अपने कौम के लिए फंडिंग करता है जबकि हिन्दू नेता अपने आय का एक हिस्सा देने के बजाय सरकारी अनुदान को भी खा जाने की जुगाड़ में रहता है। पुरे देश का एक भी ऐसा हिन्दू नेता मंत्री या धर्माचार्य नहीं है जो अपने आय में से एक हिस्सा हिन्दू, हिन्दु संगठन या किसी मठ मंदिरों पर खर्च किया हो। इन हिन्दू नेताओं को न तो अपने देश, समाज, अपने धर्म से कोई सरोकार है और न ही अपने धर्म के उत्थान और मजबुरी की चिंता है। इनको चिंता रहता है तो बस हिन्दुत्व के नाम पर किसी तरह हिन्दुओं का वोट मिल जाए, विधायक, सांसद और मंत्री बन जाएं और जितनी जल्दी हो सके अपने परिवार और रिश्तेदारों को अरबपति बना दें.... बाकि हिन्दू या हिन्दु समाज गया भांड़ में।
यही वजह है कि कम आबादी और गरीब होते हुए भी मुस्लिम मुहल्लों में आलिशान मस्जिद इमामवाड़ा या खानकाह बन जाता है पर घनी आबादी और समृद्ध होने के बाबजूद भी मुहल्ले का एक मंदिर खंडहर हो जाता है।

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